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फरीदाबाद में दो मकानों से 2900 किलो विस्फोटक बरामद, तीन डॉक्टर समेत आठ गिरफ्तार — दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ सकता है कनेक्शन…

हरियाणा के फरीदाबाद में दो मकानों से करीब 2900 किलो विस्फोटक सामग्री की बरामदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को हिला दिया है। इस मामले में तीन डॉक्टर सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली के लालकिला इलाके में हुए ब्लास्ट से इस पूरे नेटवर्क का लिंक सामने आ रहा है। जांच एजेंसियां अब इसे एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा मान रही हैं।

फरीदाबाद में मिला विस्फोटक का जखीरा

फरीदाबाद पुलिस और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को दो मकानों से लगभग 2900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इनमें अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर, पोटैशियम नाइट्रेट, टाइमर डिवाइस और डिटोनेटर जैसी सामग्री शामिल है। बताया जा रहा है कि बरामदगी के दौरान कुछ सूटकेसों में तैयार विस्फोटक भी मिला। शुरुआती जांच में यह नेटवर्क जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैला बताया जा रहा है।

तीन डॉक्टरों समेत आठ गिरफ्तार

इस मामले में अब तक आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल हैं। इनमें से एक डॉक्टर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है जो फरीदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। जांच एजेंसियों को इन डॉक्टरों के जरिए आतंकी संगठन से संपर्क और फंडिंग के सबूत मिले हैं। पुलिस ने बरामद एक कार से ए.के.47 राइफल और गोला-बारूद भी जब्त किया है।

दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ता दिख रहा तार

बरामदगी के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली के लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली धमाके में वही रासायनिक सामग्री इस्तेमाल की गई जो फरीदाबाद से बरामद हुई थी। जांच एजेंसियों को शक है कि दोनों घटनाओं के पीछे एक ही मॉड्यूल काम कर रहा है।

जांच एजेंसियां अलर्ट, देशभर में सुरक्षा बढ़ाई गई

एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस एजेंसियां अब संयुक्त रूप से इस पूरे मॉड्यूल की जांच कर रही हैं। दिल्ली-एनसीआर और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संदिग्ध कॉल्स और डिजिटल लेनदेन की ट्रैकिंग भी शुरू की गई है।

विश्लेषण: ‘सफेद कॉलर’ आतंक नेटवर्क की नई परत

इस केस ने सुरक्षा एजेंसियों की सोच को झकझोर दिया है। पेशेवर वर्ग — खासकर डॉक्टरों और शिक्षित युवाओं — का आतंक नेटवर्क में शामिल होना एक नया खतरा बनकर उभरा है। यह साफ करता है कि आतंकी संगठन अब समाज के भरोसेमंद वर्गों के बीच घुसपैठ कर रहे हैं। शहरी इलाकों में किराए के मकानों और संस्थागत परिसरों में इस तरह के विस्फोटक जखीरे मिलना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी है।

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